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एक ही है जिसके लिए सजना है, रिझाना है || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2024)

2025-01-07 0 Dailymotion

वीडियो जानकारी: 08.09.24, संत सरिता, गोवा <br /><br />एक ही है जिसके लिए सजना है, रिझाना है || आचार्य प्रशांत (2024)<br /><br />📋 Video Chapters:<br />0:00 - Intro<br />1:04 - राम से जुड़ने का महत्व<br />7:05 - अपने आप को माध्यम समझना<br />14:15 - शरीर और मुक्ति का संबंध<br />18:09 - सिद्धार्थ और गोविंद की कहानी<br />31:10 - राम की कसौटी<br />32:02 - आध्यात्मिकता और भोग का संतुलन<br />36:43 - संसारी और त्याग की परिभाषा<br />40:27 - संत मीराबाई<br />43:00 - सत्य से रिश्ता<br />51:22 - ऋषियों और संतों का संदेश<br />55:31 - प्रेम की अमरता<br />1:05:00 - भजन और समापन<br /><br />विवरण: <br />इस सत्र में आचार्य जी ने बताया कि व्यक्ति को स्वयं को भी एक medium के रूप में देखना चाहिए, जैसे जगत मुक्ति का माध्यम है। शरीर, mind, बुद्धि, resources आदि सभी राम (Truth) तक पहुँचने के साधन हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि कर्म का value उसकी मंजिल से तय होता है; यदि कर्म राम के लिए है, तो वह सार्थक है।<br />श्रृंगार, भोग, त्याग, शक्ति, ज्ञान—सबका उद्देश्य राम तक पहुँचना होना चाहिए। उन्होंने सिद्धार्थ की कहानी से समझाया कि मुक्ति का प्रेमी सीमाओं में नहीं बंधता, चाहे वह वेश्यालय हो या देवालय। राम की कसौटी पर आधारित प्रेम, सत्य, और कर्म को प्राथमिकता देना चाहिए।<br />आचार्य जी ने संत साहित्य का उदाहरण देकर बताया कि सत्य से गहरा और अंतरंग रिश्ता रखना चाहिए। अंत में, उन्होंने समझाया कि प्रेम वही है जो राम तक पहुँचाए, बाकी सब व्यर्थ है।<br /><br />🎧 सुनिए #आचार्यप्रशांत को Spotify पर:<br />https://open.spotify.com/show/3f0KFweIdHB0vfcoizFcET?si=c8f9a6ba31964a06 <br /><br />संगीत: मिलिंद दाते<br />~~~~~

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